नालंदा जिले के बिहारशरीफ में मंगलवार को शहर की अधिकतर दुकानें खुलीं, हालांकि कुछ संवेदनशील इलाकों में दुकानें बंद रहीं। टेम्पो व ई-रिक्शा भी सड़कों पर दिखें। ज्यादातर व्यापारियों ने दोपहर दो बजे अपनी दुकानों के शटर गिरा दिए।
नालंदा। नालंदा जिले के बिहारशरीफ में मंगलवार को शहर की अधिकतर दुकानें खुलीं, हालांकि कुछ संवेदनशील इलाकों में दुकानें बंद रहीं। टेम्पो व ई-रिक्शा भी सड़कों पर दिखें। ज्यादातर व्यापारियों ने दोपहर दो बजे अपनी दुकानों के शटर गिरा दिए। बिहार शरीफ में मंगलवार को सद्भावना मार्च निकाला गया, उसका अच्छा असर पड़ा। सोहसराय इलाके में बुधवार को मार्च निकाला जाएगा। उसमें जनप्रतिनिधि, स्थानीय बुद्धिजीवी, पुलिस, प्रशासन व मीडिया के लोग शामिल होंगे। यह सद्भावना मार्च अस्पताल चौक, श्रम कल्याण मैदान से सुबह 10 बजे शुरु होगी और मुगल कुआं मस्जिद होते हुए सोहसराय अड्डा तक जाएगी।
जिला प्रशासन ने लोगों को किसी भी तरह के अफवाहों से बचने के लिए कहा है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग की अपील की है। अफवाहों की वजह से लोगों के बीच आशंकाओं के बादल उमड़ घुमड़ रहे हैं। डीएम और एसपी ने उसका खंडन करते हुए कहा है कि जिले में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। पुलिसकर्मी के घायल होने और हथियार छीनने की अफवाह फैल रही है, यह पूरी तरह से गलत है। नालंदा जिला प्रशासन ने 5 प्रमुख अफवाहों पर तथ्य के रूप में बिन्दुवार जवाब दिए हैं। आइए जानते हैं, उनके बारे में।
हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ मैसेज का इस्तेमाल
-मंगलवार को बिहारशरीफ में जिंदगी पटरी पर लौटती दिखी। हिंसक वारदातों के 140 आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। सभी निजी व सरकारी स्कूल—कॉलेजों को बंद रखा गया है। इंटरनेट पर पाबंदी अभी तक बरकरार है।
-पूरे शहर में जिला पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों के जवान पहरा दे रहे हैं। रैपिड एक्शन फोर्स, एसएसबी के सुरक्षाकर्मी पहरा दे रहे हैं। उपद्रवियों को गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अर्धसैनिक बलों की नौ कंपनियां लगी हैं।
-मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ग्रुप बने। किशोर से लेकर वयस्कों को उन ग्रुपों में जोड़ा गया। उग्र किए जाने वाले मैसेज भेजे गए। पुलिस की जांच में यह प्रमाण मिले हैं। पर मैसेज किस तरह के थे, पुलिस ने उसका खुलासा नहीं किया है।
-इसका खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों को चिन्हित कर उन्हें अरेस्ट करना शुरु कर दिया। तमाम लोगों के मोबाइल जब्त हुए। उन्हें खंगाला गया तो भड़काऊ मैसेजेस के प्रमाण मिलें।
इंटरनेट सिग्नल की तलाश में मौत: इस शहर में युवाओं की निगाहें मोबाइल स्क्रीन पर टीकीं, तलाश रहीं कनेक्शन...और किशोर की जलसमाधि
एक किशोर की इंटरनेट सिग्नल की तलाश में जान चली गई। यह सुनकर आपको अचरज हो रहा होगा। पर यह सच है। इंटरनेट कनेक्शन की तलाश में युवाओं की निगाहें अपनी मोबाइल स्क्रीन पर ही टीकी हुई हैं।
रोहतास। एक किशोर की इंटरनेट सिग्नल की तलाश में जान चली गई। यह सुनकर आपको अचरज हो रहा होगा। पर यह सच है। इंटरनेट कनेक्शन की तलाश में युवाओं की निगाहें अपनी मोबाइल स्क्रीन पर ही टीकी हुई हैं। तस्वीर में नदी के किनारे कतार में बैठे दिख रहे युवा पर्यावरणीय नजारे का लुत्फ नहीं उठा रहे हैं, बल्कि उन्हें इंतजार है इंटरनेट सिग्नल का। उसी के इंतजार में सबकी निगाहें अपनी मोबाइल स्क्रीन से चिपकी हैं।
यह नजारा रोहतास जिले के डेहरी आन सोन शहर का है। यहीं झारखंड महादेव मंदिर के निकट सोन नदी का घाट है। तस्वीर में दिख रहे यूथ, उसी घाट के किनारे कतार में बैठे हैं और इसी घाट पर एक किशोर की मोबाइल सिग्नल की तलाश में दर्दनाक मौत हो गई।
सिग्नल की तलाश में सीढ़ियों से फिसल कर नदी में जा गिरा
जानकारी के अनुसार, निरंजन बिगहा निवासी अमित शर्मा (16 वर्षीय) इंटरनेट सिग्नल की तलाश में सोन नदी के किनारे स्थित हनुमान घाट पहुंचा था। घटना मंगलवार दोपहर के समय की है। वह घाट पर सीढ़ियों से फिसल गया और नदी में जा गिरा। किशोर को तैरना नहीं आता था। नतीजतन, उसकी नदी में डूबने से मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने किशोर को नदी से बाहर निकाला और एक डॉक्टर के यहां इलाज के लिए ले गए। वहां से किशोर को नारायण मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई।
दो भाइयो में छोटा था मृतक
पुलिस के अनुसार, शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया, क्योंकि परिजनों ने उसके लिए इंकार कर दिया और शव लेकर चले गए। बहरहाल, घटना के बाद मृतक के गांव निरंजन बिगहा में मातम पसरा है, परिवार में कोहराम मचा है। बताया जा रहा है कि किशोर के पिता विद्युत वायरिंग का काम करते हैं। उसी से परिवार की आजीविका चलती है। मृतक, दो भाईयों में छोटा था।
इसलिए इंटरनेट सिग्नल की तलाश में जुट रहें युवा
दरअसल, रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा के बाद रोहतास जिले में इंटरनेट सेवा अगले आदेश तक बंद किए जाने के आदेश हैं। जिले में पिछले 5 दिनों से इंटरनेट बंद है। ऐसे में युवाओं की भीड़ मोबाइल पर इंटरनेट के सिग्नल की तलाश में सोन नदी के किनारे जुट रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि सोन नदी के दूसरे छोर पर औरंगाबाद जिले का मोबाइल टावर है और उससे मोबाइल पर इंटरनेट का सिग्नल मिलने की संभावना रहती है।
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