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Today News Bihar | बिहार: बदल गया जातियों का कोड, अगरिया, खड़िया व मारवाड़ी को हटाया, पेशा और इनकम का भी नंबर

 

Revised list of castes: बिहार में जातियों की सूची संशोधित की गई है. इसके अनुसार, अगरिया, खड़िया व मारवाड़ी को हटा दिया गया है जबकि बिरजिया-सेखड़ा नए जुड़े हैं. अब कायस्थ का नया कोड 21 है. वहीं, कुर्मी-24, कोईरी-26, रविदास-60, ब्राह्मण-126, भूमिहार-142, यादव-165, राजपूत-169 और शेख-181 नंबर से जाने जाएंगे.

बिहार में जातियों के कोड में कुछ बदलाव हुए हैं. 

हाइलाइट्स
*बिहार में जातियों की सूची संशोधित की गई.
*सामान्य प्रशासन ने जातियों के कोड बताए.
*अगरिया, खड़िया व मारवाड़ी को हटाया गया.

पटना. बिहार में जातिगत गणना के तहत विभिन्न जातियों के लिए कोड निर्धारित किए गए हैं. प्रकाशित होने के एक दिन बाद ही सामान्य प्रशासन विभाग ने जाति की सूची में संशोधन किया है. अब अगरिया, खड़िया और मारवाड़ी जाति को इस सूची से बाहर कर दिया गया है. वहीं, विरजिया और सेखड़ा को जोड़ दिया है. ऐसे में जाति आधारित गणना के ऑनलाइन एप में जातियों के कोड भी बदल गए हैं.
नए कोड के अनुसार, अब कायस्थ का नया कोड 21, कुर्मी-24, कोईरी-26, रविदास-60, ब्राह्मण-126, भूमिहार-142, यादव-165, राजपूत-169 और शेख-181 नंबर से जाने जाएंगे. जाति कोड-206 में भी सुधार किया गया है. इसमें दर्जी (हिंदू) उपनाम श्रीवास्तव/ लाला /लाल /दर्जी दर्ज था, जिसे हटाकर सिर्फ दर्जी (हिंदू) कर दिया गया है.

इसके साथ सामान्य प्रशासन विभाग ने ऑनलाइन मोबाइल एप में 214 जातियों के लिए कोड जारी किया है. इस सूची में शामिल नहीं होने वाली जाति का अन्य कोड-215 होगा. विभाग के अनुसार, इस कोड को लिखने से पहले अंचलाधिकारी से लिखित पूर्वानुमति लेनी होगी और उनकी लिखित पूर्वानुमति की प्रति संलग्न कर प्रपत्र समर्पित करना होगा.

प्रशिक्षण कार्य में शामिल जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक 15 अप्रैल से जाति आधारित गणना का दूसरा फेज शुरू होगा. गणना में कुल 17 सवाल पूछे जाएंगे और इसके लिए कुल 15 कोड तय कर दिए गए हैं. एक परिवार में अलग-अलग धर्मों के लोग हैं तो उन्हें भी कोड से ही जाना जाएगा.

धर्म के लिए कोड
जातिगत गणना के तहत धर्म के लिए भी कोड निर्धारित किया गया है. इसमें हिंदू के लिए -1, इस्लाम के लिए -2, ईसाई के लिए-3, सिख के लिए-4, बौद्ध के लिए-5, जैन के लिए-6, अन्य के लिए -7 और कोई धर्म नहीं के लिए 8 कोड निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही मासिक आय, पेशा, गाड़ियों, जमीनों व आवासीय परिसरों के साथ ही डॉक्टरों व वकीलों के लिए भी कोड निर्धारित किए गए हैं.

पेशा के लिए कोड
सरकारी नौकरी-01, संगठित क्षेत्र में प्राइवेट नौकरी-02, असंगठित क्षेत्र में प्राइवेट नौकरी-03, स्वरोजगा-04, कास्तकार-05, खेतिहर मजदूर-06, निर्माण मजदूर-07, अन्य मजदूर-08, मिस्त्री-09, भिखारी-10,कचरा बिनना-11, अन्य काम-12, विद्यार्थी-13, गृहणी-14, कुछ नहीं करने पर कोड-15.

मासिक आय के लिए कोड
इसी तरह मासिक आय के लिए 0-6000 तक 01 कोड, 6000-10000 तक 02, 10000-20000 तक 03, 20000-30000 तक 04, 30000-40000 तक 05, 40000-50000 तक 06 और 50 हजार से अधिक वालों के लिए 07 कोड तय किया गया है.

गाड़ियों के लिए कोड
गाड़ियों में दो पहिया के लिए 01, तीन पहिया के लिए 02, चार पहिया के लिए 03, ट्रैक्टर के लिए 04, 6 पहिया के लिए 05 और कुछ नहीं के लिए 06 कोड और कई गाड़ियां होने पर सबसे महंगी गाड़ी का कोड भरा जाएगा.

जमीन के लिए कोड
जमीन और आवासीय परिसर के लिए भी कोड बनाए गए हैं. 0-50 डिसमल वालों के लिए 01 कोड, 01 एकड़ से 05 एकड़ तक के लिए 10 कोड मिलेगा. वहीं, भूमिहीनों के लिए 01 और 20 डिसमल से अधिक जमीन पर कोड 06 कोड मिलेगा. बहुमंजिला इमारत में फ्लैट होने पर कोड 07 मिलेगा.
शिक्षा के लिए कोड
शिक्षा और योग्यता के लिए भी कोड बनाए गए हैं. डॉक्टर के लिए जहां 25 तो वकीले के लिए 28 कोड तय किया गया है. कक्षा एक पास है तो 01, दसवीं पास को कोड 10, इंटर के लिए 12, आईटीआई होने पर कोड 13, डॉक्टर का कोड 25, इंजीनियर का 23, पीएचडी का 48, एमबीए का कोड 27, वकील का कोड 28 होगा. सरकार ने कुल 53 श्रेणियों में शिक्षा कोड तय किया है.

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रामनवमी हिंसा: 'ये साजिश रामभक्तों के खिलाफ', सुशील मोदी का नीतीश कुमार पर पलटवार

Bihar Violence : रामनवमी की शोभायात्रा पर पथराव के बाद सासाराम और नालंदा के बिहार शरीफ में तनावपूर्ण स्थिति के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि यह घटना एक साजिश के तहत कराई गई है। अब सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को उन्हीं की भाषा में जवाब भी दिया है।


नीलकमल, पटना: क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तुष्टीकरण की पराकाष्ठा पार कर चुके हैं? क्या रामनवमी की शोभायात्रा पर प्रस्ताव के बाद मुसलमानों को खुश करने के लिए नीतीश कुमार हिंदुओं को ही प्रताड़ित करने का मन बना चुके हैं? ऐसे आरोप बीजेपी ने जेडीयू और नीतीश कुमार पर लगाए हैं। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने किसी प्रकार की जांच होने के पहले यह बता दिया कि साजिश किसने की है तो फिर जांच का नाटक क्यों कर रहे हैं।

सुशील मोदी ने बताया, किसकी थी साजिश
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने यह खुलासा किया है कि रामनवमी पर बिहारशरीफ और सासाराम सहित चार शहरों में उपद्रव करना किसकी साजिश थी। सुशील मोदी ने कहा कि रामनवमी की शोभायात्रा पर जिन्होंने रामभक्तों पर पत्थरों से हमला किया और विस्फोट कराये। यह साजिश उनकी थी, जो सासाराम में सम्राट अशोक के शिलालेख पर मजहबी कब्जा हटाने के खिलाफ थे। साजिश उनकी थी, जो सम्राट अशोक की जयंती मनाने से भाजपा को रोकना चाहते थे।

सीएम ने सही कहा कि साजिश हुई है, लेकिन आरोप गलत लगा रहे- सुशील मोदी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कहना तो सही है कि माहौल खराब कराया गया। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगे हाथ साजिश का आरोप उन्हीं राम भक्तों पर लगा रहे हैं, जिन पर हमले हुए, जिनके घर जले और जिस समुदाय के एक व्यक्ति की जान गई। सुशील मोदी ने यह भी कहा कि जब मुख्यमंत्री पहले ही तय कर रहे हैं कि हिंसा की साजिश किन लोगों ने रची, तब राज्य सरकार की जांच का कोई मतलब नहीं।

नीतीश कुमार सांप्रदायिकता से समझौता कर चुके हैं- सुशील मोदी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार ने सांप्रदायिकता से समझौता नहीं किया है तो उन्हें पूरे मामले की न्यायिक जांच करानी चाहिए। सुशील मोदी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने राम भक्तों को प्रतिड़ित करने और दंगाइयों को बचाने का मन बना लिया है। क्योंकि नीतीश कुमार को यही लाल किले तक पहुंचने का रास्ता लगता है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील इलाकों में समय पर फ्लैग मार्च क्यों नहीं हुआ? कर्फ्यू लगाने में देर क्यों हुई? केंद्र से अर्धसैनिक बल की पर्याप्त टुकड़ी क्यों नहीं मांगी गई? शोभायात्रा के मार्ग में पड़ने वाले घरों और उनकी छतों की तलाशी पहले क्यों नहीं की गई? सुशील मोदी ने यह भी कहा रामनवमी पर चाक-चौबंद सुरक्षा देने में जो सरकार फेल रही, वह खुद ही अपनी जांच करेगी और खुद ही अपने आपको पास भी घोषित कर देगी।

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