सम्मान नहीं मिलने पर जिप अध्यक्ष ममता कुमारी ने जिला प्रशासन पर प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में बुलाया गया था। लेकिन कार्यक्रम में मान-सम्मान जगह नहीं दी गई। जिससे मान-सम्मान को आघात लगा है। मंच पर
उपेक्षा की गई। ऐसे में गांव की सरकार कैसे काम कर पाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया। सरकार कहती है कि जनप्रतिनिधियों के बिना विकास कार्य नहीं होगा। लेकिन दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों को मान-सम्मान नहीं दिया जाता है। अगर मान सम्मान नहीं दे सकते हैं,तो कार्यक्रम में आमंत्रित भी नहीं करें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा सभी अतिथियों का सम्मान भी किया गया लेकिन मुझे सम्मान से वंचित रखा गया। पूर्व से ही जिला प्रशासन का रवैया अच्छा नहीं है। क्योंकि मैं दलित शोषित महिला हूँ। सरकार एक तरफ गरीब दलित महिला की बात करती है वहीं दूसरी तरह उनके पदाधिकारियों द्वारा अपमानित भी किया जाता है।
जब भी हम अपनी समस्या को लेकर उपायुक्त अथवा उप विकास आयुक्त के पास जाती हूँ तब-तब मुझे जलील किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि कब तक हम जैसे दलित शोषित महिलाओं का अपमान होता रहेगा। जिला प्रशासन को इसका जवाब देना पड़ेगा। हम जैसे दलित शोषित महिलाओं को कब तक अग्रिम पंक्ति में खड़ा होने का अधिकार नहीं है। सभी कार्यों का श्रेय जिला प्रशासन लेना चाहती है तो मुख्यमंत्री और मंत्री सत्यानन्द भोगता चतरा जिला से पंचायती राज व्यवस्था को खत्म कर दें ताकि जिला प्रशासन खुली लूट मचा सके।
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